कोई बेबसी है की इतनी बेबस क्यों !!
देनी थी तो मर्ज़ीयां जान कर देता/
अपनी तलाश के मंज़र इन रास्तों पर नहीं, क्यों !!
कुफ्र ये तहरीर किसकी, है अकेली हर एक की/
वो मर गया फिर,दिल उसकी याद को तड़पता है क्यों !!
अपना जान कर जीते है तुझको हम तो क्या,
दिल मैं उसके भी यही ख़याल धड़कता है क्यों !!
@nand