Tuesday, March 5, 2013

ज़िन्दगी...........!!!!

गुज़रती है तो कहती है की क्यों/
कोई बेबसी है की इतनी बेबस क्यों !!

देनी थी तो मर्ज़ीयां जान कर देता/
अपनी तलाश के मंज़र इन रास्तों पर नहीं, क्यों !!

कुफ्र ये तहरीर किसकी, है अकेली हर एक की/
वो मर गया फिर,दिल उसकी याद को तड़पता है क्यों !!

अपना जान कर जीते है तुझको हम तो क्या,
दिल मैं उसके भी यही ख़याल धड़कता है क्यों !!

@nand

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